
मुंबई (विंदू गोयल/सलमान मसूद).सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक, ट्विटर और गूगल कमेत कई कंपनियों ने पाकिस्तान के डिजिटल सेंसरशिप कानून के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इनके ग्रुप एशिया इंटरनेट कोएलिशन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को सख्त लहजे में चिट्ठी लिखकर कहा है कि अगर इस कानून में संशोधन नहीं किया गया तो वे पाकिस्तान में सेवाएं नहीं देंगे। इनका कहना है कि कानून बनाते वक्त लोगों और विशेषज्ञों से नहीं पूछा गया। कई प्रावधान ऐसे हैं, कि कोई व्यक्ति किसी भी कंटेंट को आपत्तिजनक मान सकता है।
इन कंपनियों को ऐसा कंटेंट 24 घंटों में हटाना होगा। इमरजेंसी में यह सीमा 6 घंटे की होगी। आतंकवाद, अभद्र भाषा, मानहानि, फेक न्यूज, हिंसा के लिए उकसाने और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर कंपनियों को नेशनल कॉर्डिनेटर के निर्देश मानने होंगे। सब्सक्राइबर, ट्रैफिक, कंटेंट और अकाउंट से जुड़ी जानकारी खुफिया एजेंसियों के साथ साझा करनी होगी।
कोई भी व्यक्ति, नाबालिग के पैरेंट्स, मंत्रालय, सरकारी कंपनी या खुफिया एजेंसी आपत्तिजनक कंटेंट की शिकायत कर सकेंगे। उनका नाम गुप्त रखा जाएगा। कंपनी कानून का उल्लंघन करती है, तो उसे ब्लॉक कर दिया जाएगा। इसके खिलाफ वे विशेष कमेटी के सामने दो हफ्ते के भीतर अपील कर सकेंगी।
कंपनियों ने लिखा है- ये नियम अस्पष्ट और मनमाने हैं। ये पाक के 7 करोड़ इंटरनेट यूजर्स की गोपनीयता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का का उल्लंघन है। इन पर फिर से चर्चा नहीं हुई तो पाक से कारोबार समेटने पर विचार करना पड़ेगा।
नियमों के उल्लंघन पर 50 करोड़ का जुर्माना भी लगेगा
नए कानून में यह भी शामिल है- कंपनियों को 3 महीने में इस्लामाबाद में स्थायी दफ्तर खोलना होगा। लोकल सर्वर, कहे जाने पर विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों के अकाउंट बंद करने, धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता का ध्यान रखना होगा। कानून तोड़ने पर 50 करोड़ पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना चुकाना होगा।
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